Maharaja Agrasen – Agra Samaaj Ke Janak
“महाराजा अग्रसेन – अग्र समाज के जनक” उपन्यास में पाठक को महाराजा अग्रसेन के जीवन की संघर्षमय जीवन की गाथाएं जैसे; तपस्या से माँ लक्ष्मी को प्रसन्न कर अपार धन प्राप्त करना, इंद्र के रुष्ट हो जाने पर राज्य को समृद्धशाली बनाने के लिए माधवी व सुंदरावती नाग कन्या से विवाह करना, इंद्रदेव का महाराजा अग्रसेन को मित्र बना कर अप्सरा भेंट में देना, अपनी शक्तियों को दुगुना कर नए राज्यों की स्थापना करना तथा “एक ईंट एक रूपया” के सिद्धांत के आधार पर समाजवाद की स्थापना करना, इत्यादि के बारे में पढ़ने को मिलेंगी। इस उपन्यास में ना सिर्फ अग्रवाल समाज की स्थापना का इतिहास वर्णित है, अपितु अनेकानेक घटनाओं का समावेश भी है। लेखिका ने १८ पुत्रों की १८ नाग बहुओं की रोचक कहानियों के साथ-साथ रक्त शुद्धि के लिए गोत्र बनाकर अग्रसेन की बहुआयामी प्रतिभा एवं दूरदर्शिता का परिचय दिया है। पाठक को उपन्यास में शेरनी और उसके नवजात बच्चे के बीच अगाध प्रेम की अद्भुत कहानी भी पढ़ने को मिलेगी। ऐसी अनेक लघु कहानियों से भरपूर इस उपन्यास को पढ़कर पाठक अग्र समाज के संस्थापक महाराजा अग्रसेन की जीवनगाथा से अवगत हो सकेगा।
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